प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया इनीशिएटिव के ब्रांड एंबेस्डर्स का नाम ऑफिशिअली अनाउंस कर दिया गया है। इनमें प्रणव मिस्त्री के साथ अंकित फाड़िया का नाम भी शामिल है। इससे पहले ब्रांड अंबेस्डर्स जुड़े नामों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। इसमें सबसे बड़ा विवाद एथिकल हैकर अंकित फाड़िया को लेकर था।
फाड़िया ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि उनका नाम डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेस्डर के लिए सलेक्ट हो चुका है। जिसके बाद उनके खुद के एथिकल हैकर के दावों को लेकर विवाद छिड़ गया था और सरकारी को खासी आलाचनाओं का सामना करना पड़ा था। फाड़िया अभी तक 16 बुक्स लिख चुके हैं।
वहीं, प्रणव मिस्त्री दुनिया के नामी-गिरामी टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट रह चुके हैं और फेस सिक्स्थ सेंस प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। फिलहाल वे सैमसंग के साथ जुड़े हुए हैं।
सरकार ने प्रेस रिलीज जारी करके साफ किया है कि अंकित फाड़िया का नाम लिस्ट में शामिल है, साथ ही आईआईटी-जेईई के टॉपर सतवत जगवानी और कृति तिवारी का नाम भी शामिल है।
इनका अपाइंटमेंट एक साल के लिए होगा और ये कार्यक्रम में जागरुकता लाने का काम करेंगे।
अंकित फाड़िया का नाम उस समय विवाद में आया था जब उन्होंने खुद को एथिकल हैकर बताते हुए 2013 में चिप मैगजीन की वेबसाइट को हैक करने का दावा किया था। हालांकि चिप मैगजीन के एडिटर चार्ल्स एसिसी ने उनके दावों को नकार दिया था। फाड़िया ने ये भी दावा किया था कि उन्होंने कई इंटेलीजेंस एजेंसीज की मदद भी की है, उस वक्त इसकी पुष्टि के लिए कोई भी इंटेलीजेंस एजेंसी सामने नहीं आई थी।
The press release follows.
“As part of the Digital India week (July 1-7, 2015) following four Brand Ambassadors were nominated for a period of one year to propagate the product and applications being launched by the department under Digital India Program:
- Shri Satwat Jagwani, All India IIT-JEE —Advanced Topper -2015 (Student)
- Ms. Krati Tiwari, All India IIT-JEE —Advanced Girl Topper -2015 (Student)
- Mr Ankit Fadia, Author & Ethical Hacker
- Shri Pranav Mistry, Samsung USA (Computer Scientist/ Author of 6th Sense)
Thereafter, no other person has been appointed as Brand Ambassador for Digital India.
The services of these Brand Ambassadors will be used, as and when required for generating mass awareness for the program.”