Tejas Fighter Aircraft: शुक्रवार को देश के लिए एक अच्छी खबर आई। मलेशिया ने भारत में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas Light Combat Aircraft) को अपने फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए चुना है। मलेशिया ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन (RFI) मांगा था, जिसका जवाब HAL ने दे दिया है। मलेशिया को 18 ट्रेनर यानी FLIT-LCA की जरूरत है।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस इन छह देशों ने स्वदेशी सिंगल-इंजन तेजस फाइटर जेट को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए हुई प्रतियोगिता में चीन का JF-17, दक्षिण कोरिया का FA-50 और रूस की तरफ से Mig-35 और Yak-130 प्लेन शामिल थे. लेकिन तेजस ने इन सभी को पछाड़ दिया, जिसके बाद तेजस मलेशिया की पहली पसंद बन गया था। यह जानकारी 5 अगस्त 2022 को लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में दी।
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में संसद सदस्यों को बताया कि अन्य देशों ने एलसीए विमानों में रुचि दिखाई है, जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस शामिल हैं। वहीं उन्होंने भारत के स्टेल्थ कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समयसीमा देने से इनकार कर दिया है।
एलसीए तेजस (LCA Tejas) की डील में भारत मलेशिया को MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल) का ऑफर भी दे रहा है। इस आफर के तहत भारत मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाएगा, जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की मरम्मत भी करेंगे। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है।
इस लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन ने कहा कि हमारा तेजस अपने प्रतियोगियों से कई मामलों में बेहतर है। चीन का JF-17 फाइटर जेट तेजस से सस्ता है, लेकिन वह तेजस Mk-1A वैरिएंट की खासियतों के आगे कहीं नहीं टिकता। जबकि तेजस कोरिया और चीन के फाइटर जेट्स से कई गुना बेहतर, तेज, घातक और अत्याधुनिक है।
भारत सरकार ने 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस जेट विमानों के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए $ 6 बिलियन का अनुबंध दिया था।
माधवन ने आगे बताया कि अगले साल से भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है। स्वदेशी मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट तेजस मार्क-2 को बनाना शुरू किया जाएगा, इसके बाद साल 2023 में इसके हाई स्पीड ट्रायल्स होंगे। साल 2025 तक HAL तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) का उत्पादन शुरू कर देगा। तेजस का यह अपग्रेड वर्जन ज्यादा ईंधन, ज्यादा रेंज, ज्यादा वजन उठाने की क्षमता, ज्यादा इंजन पावर और सुपीरियर नेट सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम होगा, जो इसे मार्क-1ए से बेहतर बनाएगा।
तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के आने के बाद भारतीय वायुसेना से जगुआर, मिराज 2000 और मिग-29 को हटाया जाएगा. तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) की ईंधन क्षमता 3400 किलोग्राम होगी। तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) की गति होगी मैक 2 यानी 3457 किलोमीटर प्रतिघंटा। वहीं इसकी रेंज 2500 किलोमीटर होगी। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसमें 23 मिलीमीटर की GSH-23 गन होगी। साथ ही इसमें हवा से हवा में मार करने वाली सात मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली चार मिसाइलें, एक एंटी रेडिएशन मिसाइल, पांच बम लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल भी लगाई जा सकती है। साथ हीं इसमें निर्भय, स्टॉर्म शैडो, अस्त्र, मीटियोर, असराम और क्रिस्टल मेज जैसी मिसाइलें लगाई जा सकती हैं।
तेजस मार्क 2 की ताकत प्रीसिशन गाइडेड बम, लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर बम, अनगाइडेड बम और स्वार्म बम लगाए जा सकते हैं। वहीं यह एक सेकेंड में करीब एक किलोमीटर की गति से उड़ता है।
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