ATAGS Gun Salute: 75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) इस बार देश के काफी खास होने जा रहे हैं। जहां आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है, वहीं लाल किला पर भी इस बार एतिहासिक प्रदर्शन होने वाला है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा होगा कि जब स्वदेशी तोप से सलामी दी जाएगी। अभी तक विदेश निर्मित तोपों से ही सलामी दी जाती रही है। इसके लिए लाल किला के बाहर दो स्वदेशी तोपें तैनात कर दी ई हैं। लाल किला से औपचारिक तौर पर 21 तोपों की सलामी दी जाती रही है। 21 तोपों की सलामी के दौरान पहली बार स्वदेश विकसित होवित्जर तोप का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी मारक क्षमता 45 किलोमीटर है।
Delhi | For the first time, Made-in-India Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) howitzer will be a part of 21-Gun salute during Independence Day celebrations on August 15 pic.twitter.com/BPi4H7l7Hh
— ANI (@ANI) August 10, 2022
खास बात यह है कि इन तोपों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बनाया है। एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) परियोजना की शुरुआत डीआरडीओ ने 2013 में की थी, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना में सेवारत पुरानी तोपों की जगह आधुनिक 155 एमएम की तोपों को शामिल करना था। रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया कि 21 तोपों की सलामी में परंपरागत रूप से इस्तेमाल की जा रही ब्रिटिश तोपों के साथ एटीएजीएस तोप का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली बार हम स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एटीजी गन 25 पाउंडर का उपयोग करेंगे, जिसे खाली गोले और ध्वनि विशेषताओं को फायर करने के लिए अनुकूलित किया गया है।। कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि अब तक हम एक पाउंडर ब्रिटिश हॉवित्जर आर्टिलरी गन का इस्तेमाल करते रहे हैं। इसके लिए रोजाना सुबह तोप दाग कर रिहर्सल भी की जा रही है।
Delhi | Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) howitzer is the first in the world to have a range of 45 km. It's self-propelled & can be towed easily. This time it will be included in the 21-Gun salute & will surely be a game changer: Sangam Sinha, DG (R&M), DRDO pic.twitter.com/ACWAlmEIcz
— ANI (@ANI) August 10, 2022
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तोप का इस्तेमाल करने की पहल स्वदेश में ही हथियारों और गोला-बारूद विकसित करने की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण होगी। समारोह के लिए तोप में कुछ तकनीकी बदलाव किये गये हैं। मंत्रालय के अनुसार डीआरडीओ के शस्त्रीकरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, पुणे के एक दल ने वैज्ञानिकों और आयुध अधिकारियों के नेतृत्व में इस परियोजना पर काम किया ताकि तोप का उपयोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में किया जा सके।
ATAGS को भारत फोर्ज और टाटा समूह की साझेदारी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की पुणे स्थित प्रयोगशाला, आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह 155 मिमी, 52 कैलिबर की भारी तोप है। इसी साल मई में, इस तोप ने सेना के विनिर्देशों को पूरा करने के लिए सफलतापूर्वक सत्यापन ट्रेल्स को पूरा किया और अब शामिल होने के लिए तैयार है। वर्ष 2018 में रक्षा मंत्रालय ने 150 ATAGS गन खरीदने को मंजूरी दी थी। इस तोप में 48 किलोमीटर की फायरिंग रेंज और उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, रात के दौरान प्रत्यक्ष-फायर पद्धति में स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली जैसी उन्नत विशेषताएं हैं।